TB ke Lakshan : ट्यूबरकुलोसिस जिसे आम भाषा में टीबी के नाम से जाना जाता है यह एक संक्रामक रोग है जो एक दूसरे के हवा के माध्यम से फैलता है जिन लोगों में पहले से टीबी के बैक्टीरिया होते हैं उनके माध्यम से खासनें छींकने पर यह बैक्टीरिया फैलते है यह रोग आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करते हैं आम बीमारियों के मुकाबले टीबी काफी खतरनाक बीमारी होती है टीबी शरीर के उन भागों में बढ़ती है जिनमें खून और ऑक्सीजन होता है इसलिए टीबी फेफड़ो को ज्यादा प्रभावित करती है इस लेख में हम टीबी के कारण लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे |

टीबी क्या है– What is TB
ट्यूबरकुलोसिस जिसे आम भाषा में टीबी के नाम से जानतें हैं टीबी माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया की वजह से होता है टीबी एक गंभीर बीमारी है जो अधिकतर फेफड़ों को निशाना बनाती है और इसके साथ या शरीर के अन्य भाग को भी काफी नुकसान पहुंचाती है यह बीमारी हवा के माध्यम से फैलती है जब कोई व्यक्ति खांसता या छिकता है तब माइकोबैक्टेरियम हवा के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को अपना शिकार बना लेते हैं
टीबी होने के कारण: जब किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है तब वह इसकी चपेट में आसानी से आ जाता है और सही उपचार ना होने के कारण टीबी प्राणघतक साबित हो सकती है हालांकि टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित लोगों का उपचार करके इसे बढ़ने से रोका जा सकता है|
टीबी के प्रकार– Types of T.B
जैसा कि आप जानते हैं कि टीबी एक खतरनाक बीमारी है लेकिन क्या आप टीबी के प्रकार जानते हैं |
- लेटेंट टीबी
- सक्रिय टीबी
लेटेंट टीबी– Latent TB
इसका अर्थ ही है कि इस प्रकार की टीबी में ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया हमारे शरीर के अंदर रहता है लेकिन हमें बीमार नहीं करता यह हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम के कारण होता है इम्यून सिस्टम मजबूत होने के कारण इसका प्रभाव नहीं होता क्योंकि हमारा शरीर इन कीटाणुओं को फैलने से रोकता है कई मामलों में ऐसा भी होता है कि टीबी के लक्षण सामने नजर नहीं आते हैं लेकिन इस तरह की टीबी के सक्रिय होने का खतरा बना रहता है
सक्रिय टीबी – Active TB
जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम इन बैक्टीरिया को पनपने से नहीं रोक पाता हमारे शरीर में टीबी का संक्रमण हो जाता है जब हमारे शरीर में बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं तब यह तेजी से बढ़ने लगते हैं इसे टीबी रोग या सक्रिय टीबी कहते हैं टीबी होने पर लोग बीमार हो जाते हैं और वह यह बैक्टीरिया दूसरे व्यक्ति में फैलाते रहते हैं जिससे लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ता जाता है|

टीबी होने के लक्षण- TB ke Lakshan
टीबी होने के लक्षण: दरअसल टीबी जिस हिस्से में प्रभावित करती है उसके वैसे ही लक्षण दिखाई देती हैं टीबी आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होती है जिससे आपको आश्वस्त दिखने में कई हफ्तों तक का समय लग सकता है शरीर की इम्युनिटी के आधार पर कभी-कभी यह लक्षण महीनों या कुछ सालों के बाद शुरू होने लगे |
एक संक्रमित व्यक्ति काफी लंबे समय तक संक्रमित रह सकता है जब वह उपचार कराते हैं तो कुछ समय के लिए टीबी की बीमारी को दबा देते हैं लेकिन सही तरीके से उपचार ना करने की वजह से यह लक्षण कई हफ्तों या कुछ सालों के बाद फिर से दिखाई देने लगते हैं (TB ke Lakshan)
टीबी के लक्षण: टीबी होने पर व्यक्ति को कई श्वसन प्रणाली संबंधित समस्याएं होने लगती हैं जैसे खांसी के साथ खून या बलगम आना यह 3 हफ्तों से अधिक समय तक खांसी के लक्षण दिखना खांसने और सांस लेने पर सीने में दर्द होने होना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं |
इसके अलावा और भी निम्नलिखित लक्षण महसूस होते हैं जैसे-
- खांसी के साथ बलगम में खून आना
- बिना काम के थकान महसूस होना
- छाती में दर्द होना
- बुखार आना
- सांस फूलना
- रात के समय पसीना आना
- भूख न लगना
- वजन कम होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- पेट में दर्द होना
tb ke lakshan: यह कुछ फेफड़ों में होने वाली टीबी के लक्षण है ज्यादातर टीबी फेफड़ों को प्रभावित करती है इसके अलावा अन्य भागों को जैसे गुर्दे रीड और मस्तिष्क जैसे अंगों को भी प्रभावित करती है

अन्य अंगों में होने वाली टीवी.
टीबी के लक्षण: फेफड़ों के अलावा बहुत कम मामलों में ही टीबी दूसरे अंगों में विकसित होती है जैसे कि गुर्दे रीढ़ और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकती है जिस अंग में यह संक्रमण होता है वैसे ही लक्षण दिखाइए देते हैं|
इन सभी केलावा कुछ मामलों में टीबी छोटी ग्रंथियां हड्डियां जोड़ो में पाचन तंत्र मूत्राशय व प्रजनन प्रणाली मस्तिक और नसें तंत्रिका तंत्र आदि शामिल हैं ।
इनके कुछ ऐसे लक्षण शामिल हो सकते हैं जैसे की –
- सिर दर्द होना
- लकवा लगना
- पेट में दर्द
- पीठ में अकड़न होना
- भ्रम होना
- दौरे पड़ना
- दस्त लगना
- लगातार वजन घटना
- सांस फूलना
- ग्रंथियों में सूजन होना
टीबी के लक्षण: टीबी आमतौर पर उन लोगों को होती है जिन लोगों की प्रतीक्षा प्रणली कमजोर होती है अगर आप टीबी के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो आपको जल्द ही चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए
टीबी होने के कारण-
- टीबी होने के कुछ कारण हो सकते हैं
- यह माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है
- टीबी के बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति के द्वारा हवा के माध्यम से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के सांस लेने के द्वारा फैलती है
- टीबी से पीड़ित व्यक्ति जब गाते है छीकते हैं दूसरों से बातें करते हैं तो वे संक्रामक एयरोसोल बूंदों को बाहर निकालते हैं एक बूंद से लगभग 40,000 बूंदें निकलती है इन बूंदों से टीबी रोग फैलने की अधिक संभावना रहती है (टीबी होने के कारण)

टीबी रोग के कारण होने वाली दूसरी बीमारियां
टीबी होने के लक्षण: टीबी रोग होने से हमारे शरीर में अन्य कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है जैसे-
- पीठ में दर्द और अकड़न होना
- मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाली झिल्ली में सूजन होना इसे दिमागी बुखार नाम से भी जाना जाता है
- टीबी के कारण लीवर किडनी संबंधित समस्याएं हो सकती हैं
- टीबी के कारण हृदय संबंधित बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है
टीबी ( क्षय रोग ) के इलाज के लिए घरेलू उपाय- Home Remedies for the Treatment of TB
टीबी के इलाज के लिए घरेलू उपाय: टीबी के उपचार के लिए हम कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं इन उपचारों को अपनाकर आप टीबी के लक्षणों और खतरे को कम कर सकते हैं यदि आप टीबी के रोग से ज्यादा प्रभावित है तो आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें
1. सीताफल का प्रयोग टीबी रोग में- Use of Sitaphal in TB Disease
सीताफल के प्रयोग से टीबी का उपचार किया जा सकता है इसके लिए सीताफल के गूदे को सीता फल से निकाल लें अब इसे एक गिलास पानी में 50 ग्राम मिश्री के साथ उबाल लें कुछ देर उबालने के बाद जब यह एक चौथाई की मात्रा में रह जाए तब इसे छान ले और 2 छोटे चम्मच चीनी और चुटकी भर इलायची पाउडर को मिलाएं अब इसे ठंडा करके दिन में 2 बार सेवन करें|

#2.पीपल का बीज और अदरक का प्रयोग- Use of Peepal Seed and Ginger
पीपल के बीज और अदरक के प्रयोग से टीबी रोग में होने वाली सभी लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है इसके लिए एक गिलास गाय के दूध के साथ 5 से 6 पीपल के बीच और एक चुटकी अदरक पाउडर डालकर धीमी आंच में पकाएं और पकने के बाद इसे छानकर एक चम्मच शहद मिलाकर पिए यह काफी कारगर उपाय माना जाता है
#3. टीबी के इलाज के लिए सहजन का प्रयोग- Use of Drumstick for the Treatment of TB
सहजन की पत्तियां टीबी के इलाज के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है इसमें ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बना देते हैं जिससे हमारा शरीर संक्रमण बीमारियों से लड़ने के लिए मजबूत हो जाता है
रोजाना सहजन की पत्तियों को उबालकर या काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं आप सहजन की सब्जी भी खा सकते हैं इससे संक्रमण में जल्द आराम मिलता है बेहतर प्रयोग के लिए आप आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं
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#4. हल्दी और आंक से टीबी की बीमारी का इलाज–Treatment of TB Disease with Turmeric And Figs
टीबी की बीमारी को ठीक करने के लिए हल्दी और आक काफी कारगर उपाय माना जाता है 100 ग्राम पीसी हुई हल्दी में आक का दूध मिला ले यदि खून की उल्टियां हो रही है तो इसकी जगह बरगद या पीपल का दूध मिला सकते हैं अब इसमें 2-2 रत्ती की मात्रा में शहद को मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें| (टीबी के इलाज के लिए घरेलू उपाय)

#5. काली मिर्च का प्रयोग टीबी उपचार में- Use of Black Pepper in TB Treatment
काली मिर्च का प्रयोग हम टीबी के उपचार में 2 तरीके से कर सकते हैं
- 5 काली मिर्च के दाने और 5 तलसी की पत्तियों को पीसकर शहद मिलाकर चाटे
- 10 काली मिर्च के दाने ले और उसे गाय के घी के साथ फ्राई करें अब इसमें एक चुटकी हिंग पाउडर मिलाकर तीन हिस्सों में बांट लें और दिन में तीन बार सेवन करें| (टीबी के इलाज के लिए घरेलू उपाय )
#6. तुलसी का प्रयोग टीबी के उपचार में- Use of in the Treatment of TB
तुलसी के 11 पत्ते लें और एक गिलास पानी में थोड़ा सा जीरा एवं हींग को मिला ले अब इसमें एक नींबू को निचोड़ कर हल्की आंच में गर्म कर लें अब इसे छानकर दिन में तीन बार सेवन करें इसी टीबी रोकने काफी लाभ मिलता है
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#7. टीबी के इलाज में केला और नारियल पानी के फायदे- Benefits of Banana And Coconut Water in the Treatment of TB
जैसा कि केला और नारियल पानी में काफी औषधि गुण छिपे हुए होते हैं इसके सेवन से आप टीबी की बीमारी का उपचार कर सकते हैं
एक पका केला ले उसमें एक कप नारियल पानी आधा कप दही और एक चम्मच शहद मिलाकर किसी मिक्सर में मिक्स कर लें और इसे दिन में 2 बार सेवन करें इसके सेवन से टीबी की बीमारी व लक्षणों में काफी फायदा मिलता है|
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#8. टीबी के उपचार में आंवला का प्रयोग- Use of Amla in the Treatment of TB
आंवले के फल से रस को निकाल ले अब इसमें एक चम्मच शहद को मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें इसके अलावा आप शहद के साथ आंवले के चूर्ण का भी इस्तेमाल कर सकते हैं

#9. टीबी के इलाज में मिश्री और घी के फायदे- Benefits of Sugar Candy and Ghee in the Treatment of TB
टीबी के इलाज में मिश्री और घी के भी अनोखे फायदे होते हैं टीबी के इलाज में इसका सेवन करना काफी फायदेमंद होता है 200 ग्राम शहद 200 ग्राम मिश्री और 100 ग्राम गाय के घी को मिलाकर रख ले अब इसे रोगी को 6-6 ग्राम की मात्रा में दिन में कई बार चटाएं इसके साथ बकरी या गाय के दूध को भी पिलाएं
इसी के साथ आप गर्म दूध के साथ एक चम्मच मिश्री और एक चम्मच घी को मिलाकर सोने से पहले सेवन करें|
#10. टीबी के उपचार में लहसुन का प्रयोग- Use of Garlic in the Treatment of TB
टीबी के उपचार में लहसुन के हैरान कर देने वाले फायदे होते हैं लहसुन में एलीसिन और एजोइन जैसे तत्व होते हैं जो टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने और इसे बढ़ने से रोकने में काफी फायदेमंद होते हैं लहसुन की एक से दो कली को सुबह खाकर ताजा पानी पिए इससे टीबी में काफी लाभ मिलता है
इसके अलावा आप एक चम्मच पिसा हुआ लहसुन को एक कप दूध के साथ मिला ले और इसमें 4 कप पानी डालकर उबालें इसके बाद जब यह एक चौथाई रह जाए तब इसे सेवन करें

टीबी या क्षय रोग के उपचार के लिए अन्य उपाय-
- टीबी के उपचार के लिए कुछ अन्य प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं जैसे
- ताजी लौकी के जूस का सेवन सेंधा नमक के साथ करें
- अखरोट का सेवन करें इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो कि संक्रमण के लिए काफी फायदेमंद होता है
- मुलेठी का एक छोटा टुकड़ा मुंह में रखकर चूंसे
- ताजी नारंगी फल के जूस का सेवन करें इसमें आप नमक और शहद को भी मिला सकते हैं
- प्याज के रस के साथ हींग को डालकर सुबह खाली पेट सेवन करें
- नागबला चूर्ण को घी के साथ सेवन करे
टीबी की बीमारी में खानपान कैसा होना चाहिए–What Should Be the Diet in TB Disease
टीबी की बीमारी में आपका खान-पान कुछ ऐसा होना चाहिए जैसे कि-
- दूध और पनीर का सेवन करें
- भोजन में खिचड़ी का सेवन करें
- साबुत अनाज मिलेट का सेवन करें
- ताजी फल और सब्जियों का सेवन करें
- नियमित सुबह खाली पेट गर्म पानी का सेवन करें
- ग्रीन टी का सेवन करें इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं जिससे संक्रमण का खतरा कम होने लगता है

टीबी के रोग में परहेज- Diet in Tuberculosis
टीबी की बीमारी या लक्षण को कम करने के लिए रोगी को यह परहेज करना चाहिए
- तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए इसके सेवन से दस्त पेट में ऐंठन और थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं
- ट्रांस फैट से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए यह एक प्रकार की खराब वसा हो सकती है जो हमारे शरीर में कैस्ट्रॉल की स्तर और सूजन को बढ़ाती है
- चाय और कॉफी का सेवन ना करें यह काफी हानिकारक होती है इससे नींद आने की समस्या हो सकती है इसके लिए रोगी को ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए
- धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कल नहीं करना चाहिए टीबी में यह काफी खतरनाक होता है
निष्कर्ष- Conclusion
टीबी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है लेकिन सही समय पर इसके लक्षण और उपचार करके इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है इस लेख में हमने टीबी के कारण लक्षण और घरेलू उपचारों के बारे में बताया कि आप कैस आप टीबी की बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं यदि आप टीबी की समस्या से ज्यादा ग्रसित है तो आपको किसी चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए|
ज्यादा आसान भाषा में जानने के लिए आप youtube चैनल से जुड़ सकते हैं |
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- FAQs
1.टीबी का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
टीबी का अच्छा इलाज रिफैम्पिनसिन (rifampicin) हो सकता है यह एक एंटीबायोटिक है जो गंभीर संक्रमण बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है टीबी के इलाज में इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा आप घरेलू उपायों को भी अपना सकते हैं जैसे-
- लौकी के जूस का सेवन
- बकरी के दूध का सेवन
- सीताफल का प्रयोग
- मिश्री और घी का प्रयोग
- केला और नारियल पानी का प्रयोग
- सहजन का प्रयोग
इन सभी उपचारों को अपनाकर आप टीबी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं ज्यादा जानकारी के लिए आप वैदिक औषधि पेज पर विजिट कर सकते हैं
2.टीबी के मरीज की पहचान कैसे करें?
टीबी होने के लक्षण: टीबी के मरीज को पहचानने के लिए कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देती है जैसे-
- 3 सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- सीने में दर्द होना
- अचानक वजन घटना
- भूख ना लगना
- बलगम के साथ खून आना
- रात में पसीना आना
- पेट दर्द करना
tb ke lakshan in hindi: यह कई लक्षण है जो टीबी संक्रमण होने के कारण होते हैं कारण जानकर आप टीबी की पहचान कर सकते हैं
3.टीबी के मरीज को कौन सा जूस पीना चाहिए?
- टीबी के मरीज को आंवले के जूस में शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए
- नारंगी के जूस में सेंधा नमक डालकर सेवन करना चाहिए
- इन सभी के अलावा लहसुन का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है|
4.क्या बिना दवा के टीबी ठीक हो सकता है?
टीबी से संक्रमित लोगों को ठीक करने के लिए कम से कम 6 महीने निरंतर उपचर करने की आवश्यकता होती है
बात करें बिना दवा की तो आप घरेलू उपचारों की मदद से भी टीबी का उपचार कर सकते हैं इसके लिए आप वैदिक औषधि वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं
5.टीबी मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए?
टीबी मरीज के खानपान और जीवनशैली में कुछ सावधानियां अपनानी चाहिए जैसे-
- तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें इसे टीबी में दस्त पेट में ऐंठन और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं
- ट्रांस फैट से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें यह एक प्रकार की खराब वसा होती है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर और सूजन को बढ़ा देती है
- चाय और कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए नींद आने की समस्या होने लगती है
- धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए
- भोजन में खिचड़ी का सेवन करें
- दूध और पनीर का सेवन करें
- ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें
- ग्रीन टी का इस्तेमाल करें
6.क्या टी वी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने से हमें टीबी हो सकती है?
हां टीबी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने से आपको टीबी हो सकती है यह हवा के माध्यम से खांसने छींकने से फैलती है इसलिए टीबी संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए|