Sahjan ke Faayde : यह दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है इसके सेवन से कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है सहजन 300 से अधिक रोगों में बहुत फायदेमंद होता है इसकी जड़ से लेकर फूल पत्ती फली तना गोंद हर चीज उपयोगी होती है|
हमारे और खाद्य पदार्थों की तुलना में सहजन में कई अत्यधिक आवश्यक पोषण पाए जाते हैं जो हमारे लिए अत्यधिक लाभकारी होते हैं

सहजन के पोस्टिक गुणों की तुलना
- विटामिन C – संतरे से 7 गुना
- विटामिन A – गाजर से 4 गुना
- कैल्शियम – दूध से 4 गुना
- पोटेशियम – केले से 3 गुना
- प्रोटीन – दही की तुलना में 3 गुना
स्वास्थ्य के हिसाब से फली हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन कैल्शियम पोटेशियम आयरन मैग्नीशियम विटामिन सी और बी कंपलेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाती है|
सहजन की पत्ती के फायदे – Benefits of Drumstick Leaves
सहजन की पत्तियों में प्रोटीन विटामिन B6, विटामिन C, विटामिन A, विटामिन E, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक, जैसे तत्व पाए जाते हैं सहजन की पत्ती प्रोटीन का भी बेहतर स्रोत है एक कप ताजी पत्तियों में 2 ग्राम प्रोटीन होता है सहजन के पत्ते से मिला प्रोटीन किसी भी प्रकार से मांसाहारी स्रोतों से मिले प्रोटीन से कम नहीं होता है क्योंकि इसमें सभी आवश्यक एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं|

सहजन के फूल के फायदे– Benefits of Drumstick Flower
सहजन के फूल की चाय न्यूट्रीशनल गुणों से भरपूर होती है यह चाय यूरिन इन्फेक्शन सर्दी जुकाम जैसी समस्याओं को चुटकियों में ठीक कर देता है सहजन के फूल सलाद के रूप में खाए जाते हैं सहजन के फूल के इतने ज्यादा फायदे हैं कि गिनती कम पड़ जाए ।
सहजन की सब्जी खाने के फायदे – Sahjan ke Faayde
1 .त्वचा रोग–
सहजन की जड़ की छाल को कूट पीस कर सरसों के तेल में डालकर पका लें अब इस तेल को खाज खुजली घाव और सूजन पर लगाने से आराम होता है इसके प्रयोग से त्वचा सम्बन्धित रोग खत्म हो जाते हैं |
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2.सहजन खाने के दिमाग के फायदे-
दिमागी स्वास्थ्य के लिए सहजन लाजवाब है सहजन डिप्रेशन बेचैनी थकान भूलने की बीमारी अनिद्रा को ठीक करता है|
3.पेट की जलन में-
हृदय रोग मेटाबॉलिक डिसऑर्डर जैसे डायबिटीज इंसुलिन रेजिस्टेंस आदि की वजह से होने वाली जलन और सूजन से सहजन राहत दिलाता है सहजन की सब्जी खाने से यह भी लाभ उठाए जा सकते हैं सहजन की पत्ती के अतिरिक्त इसकी फली फूल बीच में भी यह गुण पाए जाते हैं|
4.सहजन पेट की पथरी की समस्या के लिए-
किडनी में पथरी की समस्या में सहजन कारगर है या किडनी में जमे अनावश्यक कैल्शियम को भी शरीर से बाहर निकालता है इससे स्टोन नहीं बनने पाता और यह किडनी स्टोन से होने वाले दर्द और जलन को भी कम करता है|
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5.कैंसर से बचाए सहजन-
सहजन कैंसर प्रतिरोधी है इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण स्किन लीवर फेफड़ों और गर्भाशय में होने वाले कैंसर से सुरक्षा करता है |
6.नपुंसकता-
सहजन के फलों को दूध में उबालकर प्रत्येक रात को मिश्री मिलाकर पीने से नपुंसकता दूर होती है|
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7.कान में दर्द-
सरसों के तेल में सहजन की जड़ की छाल का रस डालकर थोड़ा सा गर्म करके बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है|
सहजन की हरी ताजी पत्तियों का रस कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है|
8.कान का बहना-
सहजन की जरा सी गोंद को पीसकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बंद हो जाता है

9.घाव में-
सहजन की थोड़ी सी पत्तियों को पीसकर घाव के ऊपर लगाने से घाव ठीक हो जाता है|
घाव की सूजन दूर करने के लिए सहजन की छाल पीसकर लेप करें और 5 ग्राम से 10 ग्राम छाल पीसकर सुबह शाम पीते रहे इससे घाव जल्द ठीक हो जाते हैं|
10.भगंदर-
हींग और सेंधा नमक डालकर सहजन का काढ़ा बनाकर पीने से भगंदर के रोग में लाभ होता है सहजन के पेड़ की छाल का काढ़ा पीने से भी भगंदर के रोग में लाभ होता है|
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11.अधिक नींद और ऊंघ आना-
सहजन के बीज सरसों और सेंधा नमक को तीन-तीन ग्राम की मात्रा में बारीक पीसकर इसका चूर्ण बना लें| अब इस चूर्ण को बकरी के मूत्र में पीसकर रोगी के सूघने से नींद अधिक आने की बीमारी ठीक हो जाती है|
12.पेट के कीड़ों के लिए-
सहजन के फलों की सब्जी को खाने से भूख बढ़ती है तथा यह प्लीहा और कीड़ों को समाप्त करता है।
13.हाथ पैरों की ऐठन-
हाथ पैरों की ठंड में सहजन की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है और यह बीमारी जल्द ही ठीक हो जाती है।
14.दांतों में कीड़े और दर्द-
अगर दांतों में कीड़े लग जाने से तेज दर्द हो रहा हो तो सहजन की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में तीन या चार बार कुल्ला करने से दांतों के कीड़े नष्ट हो जाते हैं और दांतों को आराम मिलता है|

15.शक्तिवर्धक-
सहजन के फूल की सब्जी का सेवन करने से शरीर की शक्ति बढ़ती है|
16.कमर दर्द-
सहजन की फली की सब्जी खाने से कमर दर्द में लाभ होता है|
17-सहजन की पत्ती गर्भवती महिलाओं के लिए-
इसका जूस गर्भवती महिलाओं को देने की सलाह दी जाती है इससे डिलीवरी में होने वाली समस्या में राहत मिलती है और डिलीवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है
गर्भवती माताओं द्वारा स्थानिक को नियमित रूप से लेने से उन्हें आवश्यक कैल्शियम आयरन और विटामिन प्रदान होता है यह उन्हें गर्भाशय की सुस्ती को दूर करने आसान प्रसव की और प्रसव के बाद की जटिलताओं को कम करने में भी मदद करेगा पत्तों से बनी सब्जी का सेवन करने से बच्चे के जन्म के बाद स्तन का दूध में बढ़ोतरी होती है इस सब्जी की पत्ती को नमक और पानी के साथ उबालकर तैयार किया जाता है और फिर पानी निकाल कर इसमें घी लगाकर खाया जाता है
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18.सहजन हड्डियों के लिए –
सहजन में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं इसके अलावा इसमें आयरन मैग्नीशियम और सिलियम होता है जिससे हड्डी मजबूत होती हैं|
सहजन खाने के और भी अनेको फायदे –
- सहजन की फली की सब्जी खाने से पुराने गठिया जोड़ों के दर्द वायु संचय वात रोगों में लाभ होता है
- इसके ताजे पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है साथ ही सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कट कर निकल जाती है|
- इसकी जड़ की छाल का काढ़ा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है
- सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकलता है और उल्टी दस्त भी रोकता है
- ब्लड प्रेशर और मोटापा कम करने में भी कारगर होता है सहजन का रस सुबह-शाम पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है|
- इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है|
- इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतो के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में आराम मिलता है|
- इसके कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होता है इसके अलावा इसकी जड़ के काडे को सेंधा नमक और हींग के साथ लेने से मिर्गी के दौरे में लाभ होता है|
- इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक होते हैं|
- ताजे पत्तों के रस को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से पिंपल्स ब्लैकहेड्स ठीक हो जाते हैं |

सहजन का चूर्ण बनाने की विधि- Method for Making Drumstick Powder
सहजन का चूर्ण बनाने के लिए सहजन की पत्तियां तोड लें पत्तियां पानी से धो ले धोने के बाद किसी कपड़े या कागज पर पत्तियां फैलाकर छांव में सूखने के लिए रख दें इन्हें ऐसी जगह रखें जहां बहुत तेज हवा ना आती हो क्योंकि पत्तियां सूखने पर उड़कर इधर-उधर जा सकती हैं चाहे तो पत्तियां किसी बड़े प्लेट में रखकर कपड़े से ढक कर कमरे के अंदर कहीं सूखने के लिए रख दें 4 से 6 दिन में सहजन की पत्ती अच्छी तरह सूख जाएंगी सूख जाने का लक्षण यह है कि एक पत्ती को हाथ में लेकर मसलने पर चूर्ण बन जाएगा और नामी नहीं होगी सहजन की इन सूखी पत्तियों को किसी मिक्सी में दो से तीन बार चला कर बारीक पीस लें| अब सहजन का चूर्ण तैयार है|
आप इसमें भूनकर अजवाइन और काला नमक स्वाद अनुसार भी मिला सकते हैं अगर दूध में इसका इस्तेमाल करना है तो आप इसे ना मिलाएं |
नोट: गर्भवती महिलाओं को सहजन की छाल और जड़ से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
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