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Home आयुर्वेद

Aids ke Lakshan in hindi: एचआईवी, एड्स के लक्षण कारण और घरले उपचार|

by admin
August 6, 2023
in आयुर्वेद, आहार और स्वास्थ्य, घरेलू उपाय, जीवन शैली
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HIV AND AIDS
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Aids ke Lakshan: एचआईवी और एड्स ऐसी बीमारी है जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकती है एचआईवी वायरस जब हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तेजी से घटने लगती है एचआईवी वायरस आने से हमारे शरीर की व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या तेजी से घटने लगती है जिससे एड्स का खतरा तेजी से बढ़ जाता है एचआईवी और एड्स आजकल बहुत बड़ी समस्या बन गई है जो दुनिया भर में लोगों को प्रभावित कर रही है |

Aids ke Lakshan

Aids ke Lakshan: एड्स होने पर शरीर में कुछ गंभीर संकेत मिलते हैं जिन लक्षणों को हम जानकर एड्स की पहचान कर सकते हैं और सावधानियां अपना सकते हैं इस लेख में हम एचआईवी/ एड्स के लक्षण और घरेलू उपायों को विस्तार से जानेंगे।

एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस के शरीर में जाते ही शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है क्योंकि इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने वाली सफेद रक्त कणिकाओं को यह तेजी से नष्ट कर देता है जिससे संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ जाता है और यह समय के साथ इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम एड्स बन जाता है (Aids ke Lakshan)

देश और दुनिया में बढ़ती एड्स की बीमारी की रोकथाम और इसके प्रति लोगों को जागरूक कराने के लिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है

Aids ke Lakshan

एचआईवी से एड्स के चरण– Stages of HIV to AIDS

एचआईवी का उपचार न करने पर यह संक्रमण बढ़ता जाता है और शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाता रहता है और अंत में यह पूरे शरीर पर हावी हो जाता है और फिर एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि लोगों का बच पाना मुश्किल हो जाता है इसके तीन चरण कुछ इस प्रकार है |

1.एचआईवी का संक्रमण– HIV Infection

हमारे शरीर में एचआईवी वायरस जाने के बाद करीब 1 से 4 सप्ताह के बाद फ्लू के लक्षण महसूस होने लगते हैं इसके बाद यह धीरे-धीरे शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है जिससे हमारा शरीर संक्रमण से लड़ने में कमजोर हो जाता है और तरह-तरह की बीमारियां होने लगती हैं फ्लू के अलावा कुछ भी लक्षणों का अनुभव हो या ना हो सिर्फ इन लक्षणों का अनुभव करना ही एचआईवी के निदान का एक विश्वसनीय तरीका नहीं है इसके और भी लक्षण होते हो सकते है

2.क्लीनिक लेटेंसी, एसिम्पटोमैटिक एचआईवी, क्रोनिक एचआईवी–

पहला चरण समाप्त होने के बाद कुछ लोगों को काफी अच्छा महसूस होने लगता है और कभी कभी हो सकता है कि एचआईवी वायरस के 10 से 15 साल तक कोई अन्य लक्षण दिखाई ना दे यह आपके आयु और स्वस्थ पर निर्भर करता है देखा जाए तो वायरस तब भी सक्रिय रहता है और यह शरीर की बनने वाली नई कोशिकाओं को संक्रमित करता रहता है और धीरे-धीरे बढ़ता रहता है यह शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली को कमजोर बना देता है और और हमें एड्स के लक्षण दिखने लगते हैं |

3.एड्स–AIDS

एचआईवी के अंतिम चरण के बाद एड्स हो जाता है यह एक ऐसा समय होता है जब एचआईवी शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली को बहुत बुरी तरह नुकसान पहुंचा देती है शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है कि वह किसी अन्य संक्रमण से लड़ने में विफल रहती है एड्स से ग्रसित लोग यदि अपना उपचार ना कराएं तो वह आमतौर पर लगभग 3 साल तक जीवित रहते हैं।

Aids ke Lakshan

एचआईवी / एड्स के लक्षण – Aids ke Lakshan

Aids ke Lakshan: जैसा कि हम न बताया कि एचआईवी वायरस शरीर में जाते ही लोगों को कम समय के लिए फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव होता है यह लक्षण वायरस के शरीर में जाने के 2 से 6 हफ्तों के बाद ही लक्षण दिखाई देने लगते है इसके अलावा कई सालों तक कोई लक्षण दिखाई ना दे यह भी देखा गया है शोध के अनुसार एचआईवी से संक्रमित 80% लोगों में फ्लू जैसे लक्षण देखे गए हैं

अगर देखा जाए तो इन लक्षणों का मतलब यह नहीं कि आपका शरीर एचआईवी वायरस से ग्रस्त है या लक्षण किसी और स्थिति संक्रमण के कारण हो सकते हैं इनमें से आम लक्षण है जैसे-

  • बुखार होना
  • गले में खराश वा सूजन
  • शरीर की त्वचा पर चकत्ते पड़ना
  • थकान महसूस होना
  • जोड़ों में दर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • ग्रंथियों में सूजन

आमतौर पर देखा जाए तो यह लक्षण 1 से 2 सप्ताह तक रहते हैं लेकिन कुछ लोगों में यह ज्यादा समय के लिए भी रहते हैं अगर यह लक्षण महसूस हो रहे हैं तो इसका यह संकेत है कि आपका शरीर किसी संक्रमण वायरस के खिलाफ लड़ रहा होता है|

Aids ke Lakshan:ध्यान दें इन लक्षणों के अलावा जब हमारे शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली बुरी तरह से कमजोर हो जाती है तो कुछ इस प्रकार के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें यह संक्रमण एचआईवी वायरस के खतरे हो सकते हैं-

  • तेजी से वजन घटना
  • शरीर में लगातार दर्द दर्द बना रहना
  • टीवी की समस्या के लक्षण दिखना
  • दस्त होना
  • गला पकना
  • रात को पसीना आना
  • बार-बार संक्रमण होना
  • त्वचा समस्याएं जैसे स्क्रीन पर रैशेज होना
  • गंभीर जानलेवा बीमारियां
  • गुप्तांगों में घाव होना

एचआईवी / एड्स होने के कारण–

एचआईवी एड्स कैसे होता है

Aids ke Lakshan:एचआईवी किसी संक्रमित व्यक्ति का रक्त वीर्य या यौन संबंध द्वारा फैलता है यह किसी के संपर्क में आने से नहीं फैलता और न ही पानी या कीड़े मकोड़े के काटने के माध्यम से । एचआईवी से संक्रमित होने के लिए कुछ यही कारण हो सकते हैं जैसे-

यौन संबंध द्वारा

यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाते हैं तो एचआईवी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है अगर उस व्यक्ति का रक्त वीर्य योनि स्राव आपके शरीर में प्रवेश करता है तो संक्रमण फैल सकता है यह सेक्स के दौरान मुंह में होने वाले छाले या गुदा, योनि में होने वाले चीरे या जख्म से फैल सकता है

Aids ke Lakshan

रक्त के संचरण द्वारा

कुछ मामलों में वायरस रक्त संचरण द्वारा फैल सकता है जब किसी संक्रमित व्यक्ति का रक्त हमारे शरीर में किसी माध्यम से पहुंच जाता है या चढ़ाया जाता है तो हमारा शरीर एचआईवी से संक्रमित हो जाता है

सुइयों के प्रयोग से

एचआईवी वायरस सुइयों के माध्यम से भी फैल सकता है जब किसी संक्रमित व्यक्ति की सुई किसी दूसरे असंक्रमित व्यक्ति पर कर दी जाए तो या संक्रमण फैल सकता है|

गर्भावस्था प्रसव या स्तनपान द्वारा

यदि औरत एचआईवी वायरस से संक्रमित है तो वह गर्भावस्था प्रसव या स्तनपान के द्वारा अपने बच्चे को भी एचआईवी से संक्रमित कर सकती है|

यह भी पढ़े – गर्भवती महिलाओं को एक से नौ महीने तक क्या खाना चाहिए ?

एचआईवी या एड्स होने का खतरा इन लोगों को ज्यादा है

महिलाओं में–

एचआईवी से संक्रमित होने वाले साथी के साथ असुरक्षित संभोग करने से एचआईवी का खतरा ज्यादा होता है महिलाओं के एचआईवी से संक्रमित होने का यह सबसे आम कारण है

Aids ke Lakshan

युवाओं में–

युवाओं में यौन संबंध बनाने की जिज्ञासा ज्यादा होती है वह अपनी साथी के प्रभाव के कारण नशे में यौन संबंध बना लेते हैं जिनसे उन्हें एचआईवी से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है

इंजेक्शन से नशा करने वाले लोग–

इंजेक्शन के माध्यम से नशा करने वाले लोगों को एचआईवी होने का खतरा ज्यादा होता है एक अध्ययन में पाया गया कि एचआईवी से संक्रमित होने वाले लोगों में इंजेक्शन से नशा करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है उन्हें इसका पता भी नहीं चलता है |

पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुष–

समलैंगिक यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों की संख्या कम है लेकिन उन्हें एचआईवी एड्स होने का खतरा ज्यादा होता है

बुजुर्ग लोग में –

बुजुर्ग लोग मानते हैं कि उन्हें एचआईवी संक्रमण का खतरा नहीं हो सकता इसलिए वह बिना किसी डरे ऐसी गतिविधियां कर लेते हैं जिस कारण उन्हे एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है|

aids ke lakshan

एचआईवी / एड्स से बचाव– Prevention of HIV / AIDS

एचआईवी एड्स बीमारी का कोई इलाज ना होने के कारण इससे बचने के लिए कुछ प्रमुख सावधानियां ध्यान में रखना चाहिए अगर आप इस बीमारी में जरा सी लापरवाही करते हैं तो यह आपके लिए घातक हो सकती है एड्स होने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से व्यक्ति जल्दी संक्रमण का शिकार हो जाता है

आयुर्वेद के माध्यम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर इसके प्रभाव को रोका जा सकता है लेकिन एड्स से बचाव के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है जैसे-

  • सुरक्षित शारीरिक संबंध बनायें इस दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें
  • केवल एक व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाएं जो केवल आपके साथ सेक्स करे
  • अपनी और अपने साथी की स्थिति जानने के लिए एचआईवी परीक्षण करवाएं
  • यदि आप एसिडिटी से ग्रसित हैं तो आप एसिडिटी का इलाज करवाएं क्योंकि एसिडिटी से एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है
  • एचआईवी पॉजिटिव संक्रमित व्यक्ति के खून लेने से बचें
  • इंजेक्शन लगाते समय ध्यान रखें कि वह नया हो
  • एचआईवी होने पर इलाज के साथ-साथ संतुलित पौष्टिक आहार का सेवन करें
  • नियमित रूप से व्यायाम योग और मेडिटेशन का अभ्यास करें

एचआईवी और एड्स के घरेलू उपाय– Home Remedies for HIV And AIDS

एचआईवी एक वायरल संक्रमण है आयुर्वेद के माध्यम से एचआईवी के खतरे को कई हद तक कम किया जा सकता है शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने की वजह से यह वायरल काफी तेजी से शरीर में बढ़ता है अतः शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर और कुछ उपायों की मदद से हम एचआईवी और एड्स के खतरे को कम कर सकते हैं|

आहार:प्रोटीन स्रोत जैसे मछली, अंडे, दाल, योगर्ट, दूध, दही, पनीर और कार्बोहाइड्रेट जैसे ब्राउन, चावल, आलू,रोटी जैसे पदार्थों का इस्तेमाल करें|

विटामिन सी और ए: विटामिन सी और ए से भरपूर फल सब्जियों का सेवन करें जैसे आम, गोवा, संतरा, आंवला और गाजर जैसे फल सब्जियों का सेवन करें|

प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट: नींबू पानी, ग्रीन टी, ब्रोकली, गाजर, आंवला स्वरस, खुबनी जैसे प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट का सेवन करें|

नियमित व्यायाम: अपनी दिनचर्या में नियमित व्यायाम को जरूर शामिल करें इसमें योग ध्यान मेडिटेशन वाकिंग तथा अन्य शारीरिक गतिविधियां शामिल हो|

पर्याप्त नींद: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत ही आवश्यक होता है इसलिए पर्याप्त नींद लेने का प्रयास करें|

धूम्रपान: तंबाकू और शराब का सेवन रोगों के खतरे को बढ़ा देता है इसलिए धूम्रपान पदार्थों का सेवन पूरी तरह छोड़ दें|

तनाव से बचें: शारीरिक विकास को बनाए रखने के लिए तनाव कम करना काफी महत्वपूर्ण होता है इसलिए तनाव को कम करने के लिए योग मेडिटेशन और मनोरंजक गतिविधियों को अपनाएं

यह भी पढ़े – शरीर के इम्यून सिस्टम को बनाने के लिए गिलोय का सेवन |

Aids ke Lakshan

निष्कर्ष– Conclusion

एचआईवी और एड्स एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है समय रहते इसकी पहचान कराना और उपचार करना महत्वपूर्ण होता है इस लेख में हमने एचआईवी और एड्स के लक्षण और घरेलू उपायों के बारे में बताया जो संक्रमण से बचने और स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं लेकिन ध्यान दें यदि आप एचआईवी एड्स से ग्रसित है तो आपको एक अच्छे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए| (Aids ke Lakshan)

ज्यादा आसान भाषा में जानने के लिए आप हमारी सोशल साईट से जुड़ सकते हैं |

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न– Frequently Asked Question

1.एचआईवी संक्रमण का पहला लक्षण क्या हो सकता है?

एचआईवी संक्रमण से पहले लक्षण में दातों की समस्या थकान और थकावट खांसी और सर्दी फ्लू जैसी समस्याएं हो सकती हैं|

2.एड्स के क्या लक्षण है?

एचआईवी वायरस के कारण एड्स की समस्या होने लगती है इसके लक्षण जैसे-

  • तेज बुखार और खांसी की समस्या बनी रहना
  • अचानक वजन कम होना
  • बार बार बीमार पड़ना
  • स्किन पर रैशेज पढ़ना
  • गुप्तांगो में घाव होना
  • टीवी की समस्या के लक्षण दिखना
  • गले में सूजन होना
  • बदन दर्द करना
  • डायरिया के लक्षण दिखना
  • भूख न लगना

3.एचआईवी से संक्रमित होने के बाद गंभीर लक्षण कौन से हो सकते हैं?

एचआईवी से संक्रमित होने के बाद गंभीर लक्षण जैसे पेट की बीमारी त्वचा संक्रमण गला पकना बार बार बीमार पड़ना बुखार आना भूख न लगना बदन दर्द करना जैसे कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं|

4.एचआईवी और एड्स के लिए कौन से घरेलू उपाय सरदार हो सकते हैं?

एचआईवी और एड्स के लिए स्वस्थ आहार पौष्टिक फल और सब्जियां प्रोटीन स्रोत जैसे मछली अंडे दाल विटामिन सी और ए संयुक्त आहार और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन असरदार हो सकता है|

5.एड्स की शुरुआत कैसे होती है?

एड्स की शुरुआत शरीर में एचआईवी वायरस आने के कारण होती है यह किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के संभोग दौरान वीर्य से चुंबन के दौरान लार से किसी संक्रमित व्यक्ति के खून से, एक ही सुई को बार-बार इस्तेमाल करने से इन योजनाओं के कारण एड्स की शुरुआत होती है|

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